तम्बीह
// #तम्बीह //
झूठा पग नित्य चलत त्रुटि पथ,
जगत से पाया अशुद्ध अनुभव;
जीवन - ज्ञान भव - सागर सब,
सीख शिक्षा अब कल आत कब।
ग़लत पथ भटकाते पथिक रथ,
ग़लत लोग भटकावें मानव मत;
चित्त करत सवारी भ्रमित- अश्व,
चितवन चिन्तन कर देता पस्त।
निरंकुश...
झूठा पग नित्य चलत त्रुटि पथ,
जगत से पाया अशुद्ध अनुभव;
जीवन - ज्ञान भव - सागर सब,
सीख शिक्षा अब कल आत कब।
ग़लत पथ भटकाते पथिक रथ,
ग़लत लोग भटकावें मानव मत;
चित्त करत सवारी भ्रमित- अश्व,
चितवन चिन्तन कर देता पस्त।
निरंकुश...