प्रेम हलाहल...
मन विह्वल और चित अशांत,
मुख मंडल की मलिन कांति।
सजल नेत्र की पीड़ित मुस्कान,
देख द्रवित...
मुख मंडल की मलिन कांति।
सजल नेत्र की पीड़ित मुस्कान,
देख द्रवित...