मौन संवाद
थकावट से बहुत बुरा हाल है
पर ये निंद भी देखो आती नहीं
मौन से साधा हमेशा संवाद है
ये शब्दों की रीत मुझे आती नहीं
बीच मजधार में फंसी नाव है
किनारे पे कभी पहुंचती ही...
पर ये निंद भी देखो आती नहीं
मौन से साधा हमेशा संवाद है
ये शब्दों की रीत मुझे आती नहीं
बीच मजधार में फंसी नाव है
किनारे पे कभी पहुंचती ही...