मोहब्बत ...
तुम मेरी मोहब्बत हो
पर अब मुझे तुमसे मोहब्बत नहीं
कितनी दफा तकूं राहें
कितनी दफा मांगूं तुमको
तुम खुदा हो
पर खुदा तो नहीं
कितनी बार आऊं तुम्हारी चौकाट में
कितनी बार खींचूं ख़ुदको
कितनी बार पूछूं ख़ुदको
तुम जवाब...
पर अब मुझे तुमसे मोहब्बत नहीं
कितनी दफा तकूं राहें
कितनी दफा मांगूं तुमको
तुम खुदा हो
पर खुदा तो नहीं
कितनी बार आऊं तुम्हारी चौकाट में
कितनी बार खींचूं ख़ुदको
कितनी बार पूछूं ख़ुदको
तुम जवाब...