तू नहीं तेरा खयाल ही सही
दिन बीत जाता है तुझे पढते पढते
रात गुजर जाती है तुझे लिखते लिखते
तू नहीं आती तेरा खयाल आता है
जीने का यही तरीका अब मुझे रास आता है
तू नहीं तेरा खयाल ही सही
जो मेरा साथ...
रात गुजर जाती है तुझे लिखते लिखते
तू नहीं आती तेरा खयाल आता है
जीने का यही तरीका अब मुझे रास आता है
तू नहीं तेरा खयाल ही सही
जो मेरा साथ...