ग़ज़ल
तन्हाई आमद से उनके अंजुमन बन गई,
दीदार से उनके आंखें ज़ौ-फ़गन बन गई।
तारीफ़ जो उनकी लिखी ग़ज़ल बन गई,
उनके आने से ज़िन्दगी ये चमन बन गई।
गुफ्तगू आंखों आंखों...
दीदार से उनके आंखें ज़ौ-फ़गन बन गई।
तारीफ़ जो उनकी लिखी ग़ज़ल बन गई,
उनके आने से ज़िन्दगी ये चमन बन गई।
गुफ्तगू आंखों आंखों...