रूह रिहा हुई...
ये उम्र ऐसे कैसे कट गई
बिना अवैध कारनामों के,
हमे बेफिजूल मे बदनाम कर गई,
बिना बातों के मेरे लिए,
ये उम्र ही कबख्त,
मेरे लिए इतनी बातें कर गई,
आसुओं को झुठलाया है,
उम्र कहती है कि मर्द हो,
इन आसुओं को मार्दंगी पी गई,
गला घोट...
बिना अवैध कारनामों के,
हमे बेफिजूल मे बदनाम कर गई,
बिना बातों के मेरे लिए,
ये उम्र ही कबख्त,
मेरे लिए इतनी बातें कर गई,
आसुओं को झुठलाया है,
उम्र कहती है कि मर्द हो,
इन आसुओं को मार्दंगी पी गई,
गला घोट...