सर्दी
मैं चला अपनी मांद क्योकि सर्दी है अब आई,
अब ना ही दिखेगी तुम्हे कोई मधुमक्खि, न कोई साँप,
और न अन्य पशु-पक्षी,
क्योकि सर्दी है अब आई।
अब न ही दिखेगी तुम्हे...
अब ना ही दिखेगी तुम्हे कोई मधुमक्खि, न कोई साँप,
और न अन्य पशु-पक्षी,
क्योकि सर्दी है अब आई।
अब न ही दिखेगी तुम्हे...