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कहने को लफ्ज़ नहीं
कहने को लफ्ज़ नहीं
और भी कुछ बाकी है क्या
वो प्रेम नहीं है मेरा दोस्त
आँखों से बात बता दूँ क्या
ज्यादा नहीं हो जाए कहीं
ये बात भी मैं छिपा लूँ क्या
डरते हैं हर बात से अब हम
सब कुछ तुमसे छिपा दें क्या
© Modern Thinker
#WritcoQuote #writcoapp #writer #poem #modernthinker
और भी कुछ बाकी है क्या
वो प्रेम नहीं है मेरा दोस्त
आँखों से बात बता दूँ क्या
ज्यादा नहीं हो जाए कहीं
ये बात भी मैं छिपा लूँ क्या
डरते हैं हर बात से अब हम
सब कुछ तुमसे छिपा दें क्या
© Modern Thinker
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