मोहब्बत का मौसम
मेरा महबूब है वो,
मौसम के साथ बदलता नहीं।
रंग रूप हुस्न की चमक-दमक में,
मेरे सादे से साए को भूलता नहीं।
उसकी ख़ामोशी भी ऐलान-ए-मोहब्बत है,
मेरी यादों की शॉल को
अपने जिस्म से अलग करता नहीं।
मेरे वजूद में चाय की सी ताज़गी दिखती है उसे,...
मौसम के साथ बदलता नहीं।
रंग रूप हुस्न की चमक-दमक में,
मेरे सादे से साए को भूलता नहीं।
उसकी ख़ामोशी भी ऐलान-ए-मोहब्बत है,
मेरी यादों की शॉल को
अपने जिस्म से अलग करता नहीं।
मेरे वजूद में चाय की सी ताज़गी दिखती है उसे,...