"मेरा नसीब "
गुजरा हुआ वक्त वापिस आया है,
लगता है मेरा माज़ी फिर लौट आया है
मरहम लेके बैठे हैं आज वही लोग,
जिन्होंने कल मेरे ज़ख्मो पर नमक लगाया है
आँखों में नमी भी मिलेगी अब तो,
क्योंकि ख़ंजर भी तो दिल में अपनो ने घुसाया...
लगता है मेरा माज़ी फिर लौट आया है
मरहम लेके बैठे हैं आज वही लोग,
जिन्होंने कल मेरे ज़ख्मो पर नमक लगाया है
आँखों में नमी भी मिलेगी अब तो,
क्योंकि ख़ंजर भी तो दिल में अपनो ने घुसाया...