अहमियत
रिश्तों की अहमियत
आलिशान इमारतों में
तन्हाई की चारदीवारी
ज़माने को रिश्तेदारी
सिखाते दोगले लोग
शतुरमुर्ग सा सिर छिपाते
सुलगते हुए मुर्दे से
और अहसास जैसे ख़ाक
कौन किसकी परवाह करता है
दूसरे के दुःख पर वाह करता है
© "the dust"
आलिशान इमारतों में
तन्हाई की चारदीवारी
ज़माने को रिश्तेदारी
सिखाते दोगले लोग
शतुरमुर्ग सा सिर छिपाते
सुलगते हुए मुर्दे से
और अहसास जैसे ख़ाक
कौन किसकी परवाह करता है
दूसरे के दुःख पर वाह करता है
© "the dust"
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