आसान होती दुनिया
गिर जाना तो फिर खड़े हो जाना यह तो सब ने सिखाया है,
पर गिरकर जो चोट लगे उसे पूछने कौन आगे आया है।
रो मत तुम किसी के सामने लोग फिर कमज़ोर समझते हैं,
दर्द है कितना इश्क में फिर यह जानने से लोग क्यों डरते हैं।
खाना बनाना सीख लो तुम वरना सब क्या सोचेंगे,
देश के लिए मरने का सपना है उसका इतना ऊंचा लोग कहां सोचेंगे।
घर की जिम्मेदारी तुम पर है अब तुम्हें लड़कों की तरह रहना है,
सिर्फ दस साल का है जिसको सबने पत्थर सा मजबूत बनाने...
पर गिरकर जो चोट लगे उसे पूछने कौन आगे आया है।
रो मत तुम किसी के सामने लोग फिर कमज़ोर समझते हैं,
दर्द है कितना इश्क में फिर यह जानने से लोग क्यों डरते हैं।
खाना बनाना सीख लो तुम वरना सब क्या सोचेंगे,
देश के लिए मरने का सपना है उसका इतना ऊंचा लोग कहां सोचेंगे।
घर की जिम्मेदारी तुम पर है अब तुम्हें लड़कों की तरह रहना है,
सिर्फ दस साल का है जिसको सबने पत्थर सा मजबूत बनाने...