...

10 views

!! पीपल के पत्ते !!
सहेजकर रखे हैं
आज भी मैंने किताबों में
पीपल के कुछ पत्ते
जो कभी तुमने मुझे दिए थे
और कहा था
कि इसे संभाल कर रखना
लेकिन पीपल के पत्ते
अब पारदर्शी हो चले हैं
अतीत की धुंध को भेदते हुए
स्वयं उस धुंध का
एक हिस्सा बनते जा रहे हैं
उस अनुभूति के संग
जो अब नहीं रही
ना स्वयं मिटती है
और ना मुझे तुम्हारी यादों
से मुक्ति दिलाती है
सोचता हूँ क्या करूँ
अब पीपल के इन पत्तों का ???
© राजेश पंचबुधे