...

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जग मै श्रष्टि मैं
तुलना
"जग मै श्रष्टि मैं ,
जनम मैं मृत्यू मैं ,
श्रष्टि होकर भी संघर्ष दाईं है मेरी यात्रा,
और आनन्द तक रहेगी ।
संवाद प्रकृति विष्व के हित में।
श्रष्टि -कएस मेरे।
मनु-गजरा मेरा ।
श्रष्टि -मआथआ मेरा।
मनु-बिनदीया मेरी।
श्रष्टि -कान मेरे -बालिया तेरी-श्रषटी,
श्रष्टि -होठ मेरे -सजआवट तेरी।
नेत्र मेरे - काजल तेरा।
कमर मेंरी बन्द तेरा।
पैर मेरे -रगं तेरा।
मांग मेरी सिन्दूर तेरा।
गोख मेरी -आधार तेरा।

'सब तेरा मगर तो मैं क्या और में रा क्या।
#तुलनाभाग-२
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