...

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धड़कने कहती हैं।
धड़कनें कहती हैं उतार-चढ़ाव भरी ज़िन्दगी रहती है।
गर्त-श्रृंग, श्रृंग-गर्त से ही ज़ीस्त हम सबकी सँवरती है।

वही संगतराश है...