प्रेमधुन
कर्ण के समान लघु किन्तु
उनको एकत्रित करके बनी
मधु सी मीठी
तुम्हारी मुस्कान
मेरी आत्मा के कोने कोने में ...
उनको एकत्रित करके बनी
मधु सी मीठी
तुम्हारी मुस्कान
मेरी आत्मा के कोने कोने में ...