यश भी तो अधिकतर अधिकार संपन्न व्यक्ति के हिस्से में आता है...
क्या था जीवन वो भी
पुराने समय में स्त्री का,
लोगों में समाज के लिए
जो होतीं थी संवेदनाएँ
वो घर पर पत्नी तक आ के
कहाँ चली जातीं थीं !
सरल ,सहज, सहृदय पति
अधिकार, वर्चस्व का आवरण
ओढ़े क्या दर्शाना चाहते थे!
उन्हें ज्ञात ही नहीं था कि
एक ख़ामोश आक्रोश
कहीं घर कर बैठा है सदियों से
उनके विरूद्ध वहीं..जो मन
पलक पावड़े बिछाता रात-दिन...
वो मासूम...
पुराने समय में स्त्री का,
लोगों में समाज के लिए
जो होतीं थी संवेदनाएँ
वो घर पर पत्नी तक आ के
कहाँ चली जातीं थीं !
सरल ,सहज, सहृदय पति
अधिकार, वर्चस्व का आवरण
ओढ़े क्या दर्शाना चाहते थे!
उन्हें ज्ञात ही नहीं था कि
एक ख़ामोश आक्रोश
कहीं घर कर बैठा है सदियों से
उनके विरूद्ध वहीं..जो मन
पलक पावड़े बिछाता रात-दिन...
वो मासूम...