सहज
मां बनना सहज नहीं होता,
सहज नहीं होता उसका त्याग,
सहज नहीं होता चाहतों का बलिदान,
सहज नहीं होती उसकी अग्नि परीक्षा,
उम्र बीत जाती है, संघर्ष खत्म नहीं होता,
सांसे दम तोड़ देती है, चिताय नहीं जाती,
बच्चे की परवाह कभी खत्म नहीं होती,
एक मां ही है ऐसी जो सहज नहीं होती।
पानी गिरे शील पे तो, वह भी कट जाता है,
उम्र भर पिसकर भी मां नहीं थकती,
हर सुबह नई ऊर्जा, नए जोश के साथ दिखती,
एक मां ही है जग में जो सहज नहीं होती।
ईश्वर का वरदान और ममता से मालामाल होती है,
हर रूप में मां सिर्फ और सिर्फ निश्चल होती है,
मां बच्चों की कहानियों की परी होती है,
जादूगर की जादू की छड़ी होती है,
दुनिया की सारी खुशी नसीब हो जहां,
वह सिर्फ और सिर्फ मां की गोद होती है।
गुणों की खान होती है औरों के लिए मिशाल होती है,
ममता से मालामाल होती है, एक मां ही है जग में जो बेईमान नहीं होती है।
वह महान होती है!
-माधुरी राठौर ✍️
#मां#मां का प्यार#माधुरी राठौर
सहज नहीं होता उसका त्याग,
सहज नहीं होता चाहतों का बलिदान,
सहज नहीं होती उसकी अग्नि परीक्षा,
उम्र बीत जाती है, संघर्ष खत्म नहीं होता,
सांसे दम तोड़ देती है, चिताय नहीं जाती,
बच्चे की परवाह कभी खत्म नहीं होती,
एक मां ही है ऐसी जो सहज नहीं होती।
पानी गिरे शील पे तो, वह भी कट जाता है,
उम्र भर पिसकर भी मां नहीं थकती,
हर सुबह नई ऊर्जा, नए जोश के साथ दिखती,
एक मां ही है जग में जो सहज नहीं होती।
ईश्वर का वरदान और ममता से मालामाल होती है,
हर रूप में मां सिर्फ और सिर्फ निश्चल होती है,
मां बच्चों की कहानियों की परी होती है,
जादूगर की जादू की छड़ी होती है,
दुनिया की सारी खुशी नसीब हो जहां,
वह सिर्फ और सिर्फ मां की गोद होती है।
गुणों की खान होती है औरों के लिए मिशाल होती है,
ममता से मालामाल होती है, एक मां ही है जग में जो बेईमान नहीं होती है।
वह महान होती है!
-माधुरी राठौर ✍️
#मां#मां का प्यार#माधुरी राठौर