मै कौन हूं
अपने ख्वाबों के लिए इस जहां की मोहताज नहीं मै,
खुद की बनाई सीढ़ियों पर चलने को बेकरार हूं,
शुरू से रही अपनी ही शर्तों पर जीती अाई मै,
मेहनत से तकदीर लिख उसे साकार करने वाली इंसान हूं,
खुद छापती अपने हाथों की लकीरें मै,
इसलिए खुद में ही खुश रहने वाली अलग इंसान हूं,
सिर्फ खुदा की रजा पर भरोसा अटूट रखती,
बाकी फरेबी...
खुद की बनाई सीढ़ियों पर चलने को बेकरार हूं,
शुरू से रही अपनी ही शर्तों पर जीती अाई मै,
मेहनत से तकदीर लिख उसे साकार करने वाली इंसान हूं,
खुद छापती अपने हाथों की लकीरें मै,
इसलिए खुद में ही खुश रहने वाली अलग इंसान हूं,
सिर्फ खुदा की रजा पर भरोसा अटूट रखती,
बाकी फरेबी...