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कलाम ( एक जीवनी)

*कि अखबारों को बेचकर कलम चलाता है कौन*
*कि कहानी अपनी खुद सोचकर बनाता है कौन*
*यूहीं नहीं बनती मिसालें ज़िन्दगी की राह में*
*कलाम सी ताकत देखें दिखाता है कौन*

*_चलो आज मै सबको कहानी एक बताता हूं_*
*_कलम की जुबानी कलाम को समझाता हूं_*

रामेश्वरम में जन्मा , वो तो एक सितारा था
देश का प्यारा जग का प्यारा , सबकी आंखों का तारा था
गरीब परिवार में जन्म लिया , शिक्षा का न सहारा था
अखबार बेचकर शिक्षा लीनी , वो जग का एक किनारा था

शिक्षक की अनुप्रेरणा से , सपना नेक उचारा था
नाव किराया ही केवल , उनके घर का एक सहारा था
उड़ान लगा सपनों को उसने , मिशन एक संभारा था
भारत मां का पुत्र जो ठहरा , सपनों पर जीवन वारा था

धीरे धीरे मिली सफलता , कौशल खूब सुधारा था
सन 72 में एसएलवी 3 को , खूब निखारा था
प्रथ्वी , अग्नि लक्ष्यभेदी से भारत को दिया सहारा था
आनन फानन में ही भारत को बनाया अलग सितारा था

वैज्ञानिक ही नहीं वरन् वो, लेखक ,नेता और देश का राजदुलारा था
पद्म भूषण , पद्म विभूषण , भारत रत्न हमारा था
सम्मानित वो खूब अलंकृत , भारत की नहीं वरन् वो जग का भी तो प्यारा था
जिसने अपनी मातृभूमि पर अपना जीवन वारा था

27 जुलाई को भाषण देते , दिल के दौरे ने मुख मारा था
बेथानी अस्पताल में , आज सूर्य ये हारा था
सारे जग में सन्नाटा फैला , तिमिर ने आज पुकारा था
राघव करता नमन फिर उनको , जग का जो सहारा था

पुण्य ,महान , प्रेरणाश्रोत वो , सारे जग से न्यारा था
मां भारती का वीर पुत्र वो , दिल सरताज हमारा था
हो गया विलीन वो दीपक , जो अनमोल पिटारा था
श्रद्धांजलि अब अर्पित करना , ये पुण्य भाग्य हमारा था

*लिखे क्या राघव , कलाम तेरी कहानी को*
*पहुंचाया बुलंदियों पर भारत , सलाम तेरी निशानी को*

_दोस्तों 15 अक्टूबर 1931 को जन्में एक अद्भुत अलौकिक पुण्यात्मा मिसाइल मैन ऑफ इंडिया माननीय डाक्टर अबुल पाकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम जी जिन्होंने भारत की सेवा करते हुए दिल के दौरे के चलते बेथानी अस्पताल में 27 जुलाई 2015 में अपने प्राणों को त्याग दिया। मै उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करता हूं ।_

अन्तिम पंक्तियो के साथ अपनी वाणी को विराम देना चाहूंगा ।
*_कलाम को दिल से सलाम_*
*_सदी के महापुरुष को सारा देश करता प्रणाम_*

*जय हिन्द जय भारत*
© Akash Raghav