यादें तेरी मेरी
क्या खूब यादें है हमारी
बेपनाह रातों सी बातें है हमारी
कभी तुम रूठे तो हम मनाते
कभी हम रूठे तो तुम मनाते
ये सिलसिला भी मोहब्बत का खूब था बिछाया
रातों में संग साथ साजोय वो सपने
अपनी ही बातें अपनी ही कहानी
लिख कर अपने अल्फाजो को जो पिरोया
है हम जान एक दूसरे के दिलो में...
बेपनाह रातों सी बातें है हमारी
कभी तुम रूठे तो हम मनाते
कभी हम रूठे तो तुम मनाते
ये सिलसिला भी मोहब्बत का खूब था बिछाया
रातों में संग साथ साजोय वो सपने
अपनी ही बातें अपनी ही कहानी
लिख कर अपने अल्फाजो को जो पिरोया
है हम जान एक दूसरे के दिलो में...