पिता जी
आज पापा होते तो कैसा होता?
क्या मैं उनकी बांह पकड़ती या
वो मेरी उंगली थाम रहे होते?
पिता का एहसास
उनके जाने के बाद ज्यादा होता है
जब फंस जाती हूं मुश्किलों में
उनका ना होना तकलीफ देता है
काश ऐसा होता
वो वक्त वापस आ जाता
जब आप हमारे साथ थे
© Jyoti Dhiman
क्या मैं उनकी बांह पकड़ती या
वो मेरी उंगली थाम रहे होते?
पिता का एहसास
उनके जाने के बाद ज्यादा होता है
जब फंस जाती हूं मुश्किलों में
उनका ना होना तकलीफ देता है
काश ऐसा होता
वो वक्त वापस आ जाता
जब आप हमारे साथ थे
© Jyoti Dhiman