...

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"गुज़ारिश"
आज चांद तारों से ये
सिफ़ारिश की है!!

वो फलक पर नुमा होती रहे,के बादलों
से हमनें ये गुज़ारिश की है!!

वक्त तो नहीं ठहरता कभी भी किसी
शय की खातिर मगर इस शब वो थम जाएं

ये आजमाईश की है,तुम तलक़ न होगी
आमद कभी के चलों तुमको उस चांद में

देखा करेंगे यही वक्त की हमनें
पैमाइश की है!!


© Deepa🌿💙