...

4 views

बेटा एक वारिस
आज कहूं मैं एक कहानी,
कुछ पहले की रीत पुरानी
आज के समय की नहीं ये,
सालों की है बात पुरानी

बेटा ना हो तो औरत की
सुनी गोद थी मानी जाती ,
इस दुनियां की रीत बेतुकी
औरत को कितना तड़पाती

बेटी का तो उस समय में
मोल नहीं था मानो कोई,
बेटी की बेकद्री देख के
औरत हरदम घुटकर रोई,

आओ तुमको उस समय की,
एक कहानी सुनाती हूं
सागर नहीं दिखला सकती पर ,
एक बूंद तो दिखलाती हूं,

छह बहनें थी प्यारी - प्यारी,
मात - पिता की जान थी सारी
कोई न भाई था उनका ,
इंतजार था उन्हें उसी का

रिश्तेदार और लोग पुराने,
ताने उनको लगे...