क्वारंटाइन
एक महामारी ऐसी फैली,
दो गज़ की दूरी हो गई जरूरी,
घरों में कैद हुई जीवनशैली,
पूरी कर लो बातें, जो रह गईं थीं अधूरी।
उन बाजारों में पसरा है आज सन्नाटा,
जहां खुशियां ढूंढता था इंसान,
गरीबों में बांट दाल और आटा,
कहीं गुम...
दो गज़ की दूरी हो गई जरूरी,
घरों में कैद हुई जीवनशैली,
पूरी कर लो बातें, जो रह गईं थीं अधूरी।
उन बाजारों में पसरा है आज सन्नाटा,
जहां खुशियां ढूंढता था इंसान,
गरीबों में बांट दाल और आटा,
कहीं गुम...