उम्मीदों की किरण
रुको क्यों हिम्मत हारते हो तुम बीच रास्ते में कदम क्यों मोड़ते हो तुम
मंजिल दूर है तो क्या हुआ
क्यों निराश होते हो तुम
रास्ते मिलेंगे तुम्हे पथरीला
रुकावटों के जंजीरों से भरा हुआ
तुम्हे...
मंजिल दूर है तो क्या हुआ
क्यों निराश होते हो तुम
रास्ते मिलेंगे तुम्हे पथरीला
रुकावटों के जंजीरों से भरा हुआ
तुम्हे...