चादँ मेरा हमसफर......
जब मैं अकेली उदास चलती हूँ अन्धेरीं राहों पर,
तब दूर आसमानं में चमक रहा चादँ मेरा हमसफर बन जाता हैं,
जब मैं गुम होने लगती हूँ उन अन्धेरीं राहों में,
तब अपनी चादंनी रोशनी संग वो चादँ मेरा...
तब दूर आसमानं में चमक रहा चादँ मेरा हमसफर बन जाता हैं,
जब मैं गुम होने लगती हूँ उन अन्धेरीं राहों में,
तब अपनी चादंनी रोशनी संग वो चादँ मेरा...