कुछ शेष भाग
तरू के पियराए पत्तों की तरह
कुछ र्चुमुर सा बचा हूँ मैं
सागर के छोर पर रहने वाली
कुछ बूंदों सा बचा हूँ मैं
जाने वो कौन था
जिसके कारण बचा हूँ मैं
मैं ढ़ल चुका था सबकी उम्मीदों में
देखू तो क्या...
कुछ र्चुमुर सा बचा हूँ मैं
सागर के छोर पर रहने वाली
कुछ बूंदों सा बचा हूँ मैं
जाने वो कौन था
जिसके कारण बचा हूँ मैं
मैं ढ़ल चुका था सबकी उम्मीदों में
देखू तो क्या...