ये कैसा मर्ज
जिक्र तुम्हारा!
मेरे हर एक लफ्ज़ में है;
मेरी नींदें!
तुम्हारे यादों के कर्ज...
मेरे हर एक लफ्ज़ में है;
मेरी नींदें!
तुम्हारे यादों के कर्ज...