...

8 views

प्रेम❤️🥀
प्रेम की भाषा में है भाषा कोई निहित नहीं
प्रेम की रेखा में है रेखा कोई सीमित नहीं
प्रेम रूप रंग मोल भाव से कभी बंधा नहीं
प्रेम सत्य ही विश्वास है जिसमें धोखा है नहीं

प्रेम है शिखर ख़ुशी का तो दुःख का समुंदर भी वही
प्रेम है सरल सा पुष्प तो पीढ़ा मई कांटा वही
प्रेम शक्सियत सच्चाइ की और झूठ की काया वही
प्रेम मूर्ति है त्याग की और पाने का जुनून वही

प्रेम कृष्ण मात्र ही नहीं, प्रेम राधा ही नहीं
दोनों के मिलने से ही प्रेम की कथा हुई
प्रेम ही सर्वस्वता का दूसरा परिचय हुआ
प्रेम से ही दिन ढला और प्रेम से ही दिन हुआ

© @khyati07