मृगमरीचिका
उजली-उजली ख्वाहिशें
गहराती साल दर साल
भीगे-भीगे नम जज़्बात,
मन कुछ भारी-सा
बोझ बढ़ता ही गया..
भागते ख़्वाब पीछे-पीछे
इंद्रधनुष के पुल पर,...
गहराती साल दर साल
भीगे-भीगे नम जज़्बात,
मन कुछ भारी-सा
बोझ बढ़ता ही गया..
भागते ख़्वाब पीछे-पीछे
इंद्रधनुष के पुल पर,...