गृहिणी
गृहिणी
गृहिणी शब्द अपने आप में ही बहुत कुछ कह जाता है,
गृहिणी जिसके बिना घर घर नही लगता।
सूरज के उगने से पहले वो उठ जाया करती है,
मानो उसके उठने के बाद ही घर में सभी की सुबह होती है,
गृहिणी सिर्फ़ घर की नही बल्के बाहर की जिम्मदारियों को भी बखूबी निभाती है,
और ये सब कुछ वो निःस्वार्थ भावना से करती रहती है,
बदले में चाहती है सबका अपनापन और सम्मान,
पर जब कभी कोई उसे कहता है की पूरे दिन घर में करती क्या...
गृहिणी शब्द अपने आप में ही बहुत कुछ कह जाता है,
गृहिणी जिसके बिना घर घर नही लगता।
सूरज के उगने से पहले वो उठ जाया करती है,
मानो उसके उठने के बाद ही घर में सभी की सुबह होती है,
गृहिणी सिर्फ़ घर की नही बल्के बाहर की जिम्मदारियों को भी बखूबी निभाती है,
और ये सब कुछ वो निःस्वार्थ भावना से करती रहती है,
बदले में चाहती है सबका अपनापन और सम्मान,
पर जब कभी कोई उसे कहता है की पूरे दिन घर में करती क्या...