...

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तुम्हारी हँसी
कभी कभी यूँ ही हंस देता हूं मैं,
तुम्हारी वो मासूम सी हँसी देखकर यूं ही मुस्कुरा देता हूं मैं,

जब से मैंने तुम्हें पहेली बार देखा है
एक कनैक्शन सा फील होता है,
पता नहीं क्यूं
पर अब हर एक पल तुम्हारा सा लगता है,

जब से मैं तुम्हें मिला हूं हो गया हूं मैं फ्लैट,
और नींद, चैन, प्यास सब उड़ गई है मेरी उड़,

जब मैं तुमसे पहेली बार मिला था
तभी से ये सोच रहा हूं कि
क्या ये दुनिया इतनी भी खूबसूरत है
या फिर है ये कोई विचित्र माया,

यूं ही हंसता देख लोग मुझे कहते पागल है,
पर कैसे मैं उन्हें समझाऊं कि
प्यार तो पागलों के नसीब में ही तो होता है,

तुम्हारे साथ बिताए वो सभी लम्हें मुझे याद आते है,
उन लम्हों को याद करकर यूं ही खुश हो जाता हूं मैं,

तुम ही...