"शायरों का ख़्याल "
कभी कलियों-सी मुस्कान तेरी,
कभी किरणों-सा दमकता चेहरा।
हर मर्तबा घायल कर जाये ,
ये तेरा रूप सुनहरा।
तू किसी शायर की ग़ज़ल है,
या...
कभी किरणों-सा दमकता चेहरा।
हर मर्तबा घायल कर जाये ,
ये तेरा रूप सुनहरा।
तू किसी शायर की ग़ज़ल है,
या...