वो मौत सुहानी होगी....
#कफ़न
सूर्य करेगा अगवानी फ़िर चंदा नज़र उतारेगा,
हर बालक देश की रक्षा हेतु जब जब हुंकारेगा।
सर पर होगा कफ़न तो वो हाथ कलावा धारेगा,
उस वक्त देखना सूरज भी खुद, नजर उतरेगा।
तिरंगा ओढ़ कर भी अगर हुई जो घर वापसी,
चिता से उठ खड़े होंगे वतन गर फिर पुकारेगा।
जंग के डर से कोई जो रण से भाग आए तो,
चूड़ियां तोड़ ले पत्नि, सगा बेटा धिक्कारेगा।
वो मौत सुहानी होगी जो देश के खातिर आए,
हर मां माथा चूमेगी, खुद पिता नज़र उतरेगा।
© छगन सिंह जेरठी
सूर्य करेगा अगवानी फ़िर चंदा नज़र उतारेगा,
हर बालक देश की रक्षा हेतु जब जब हुंकारेगा।
सर पर होगा कफ़न तो वो हाथ कलावा धारेगा,
उस वक्त देखना सूरज भी खुद, नजर उतरेगा।
तिरंगा ओढ़ कर भी अगर हुई जो घर वापसी,
चिता से उठ खड़े होंगे वतन गर फिर पुकारेगा।
जंग के डर से कोई जो रण से भाग आए तो,
चूड़ियां तोड़ ले पत्नि, सगा बेटा धिक्कारेगा।
वो मौत सुहानी होगी जो देश के खातिर आए,
हर मां माथा चूमेगी, खुद पिता नज़र उतरेगा।
© छगन सिंह जेरठी