सांझ
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
कुछ कर दिखाने का जस्बा है
उम्मीद का हाथ थाम कर
सांझ में एक नई कहानी लिखना है
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है।।
© All Rights Reserved
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
कुछ कर दिखाने का जस्बा है
उम्मीद का हाथ थाम कर
सांझ में एक नई कहानी लिखना है
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है।।
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