छत..
एक वक्त था जब.. हमारी फॅमिली में 17 सदस्य थे, दादी को छोड़ बाकि सब छत पर सोते... फिर जब बुआ आती गर्मियों की छुटियों में... तब पापा और बुआ देर रात तक यहाँ वहाँ की बातें करते रहते... बुआ अपने चेन्नई के किस्से सुनाती रहती... और मैं दोनों की बातें.. सुनते सुनते सो जाती..
© अनकहे अल्फाज़...
#memories
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