...

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इजहारे महोब्बत
तेरी इजाज़त हो अगर हाले दिल ब्या करूँ
तुमसे महोब्बत है बेशुमार मुझे
आज तुमसे इजहारे महोब्बत करूँ

तुम्हारा साथ मुझे भरी दोपहरी की छांव सी लगती है
तेरे होने भर का अहसास मुझे
मिलों दूर होते हुये भी गले से लगाये हो लगता हैं

मेरे दिल के हर धड़कन में बसे हो तुम
हम रूह से चाह कर आये है तुम्हारे करीब इतना कि
तुमसे दूर लम्हें हमे कब्रिस्तान लगते है

हम मर मिटे है तुझपे दिलों जान से
कतरा कतरा न्योछावर कर दिया अब तो तेरे नाम पे

क्या लिखुँ तुम्हें कुदरत का बनाया हुआ रिश्ता
या इत्फ़ाक से मिलना था हमारा

तुझे अपनी जिंदगी की जिंदगी लिखुँ
या तुझे मेरी पूरी क़ायनात लिखुँ

तुमसे निस्वार्थ रिश्ता है मेरा रब सा तू मुझमें समाया है
पता नही होश में हूँ या बेहोश हुँ
जैसे भी हूँ मैं तेरे महोब्बत में गिरफ्तार हुँ मैं