जिन्दगी तुझसे शिकवा नहीं
© Nand Gopal Agnihotri
# हिंदी साहित्य दर्पण
# स्वरचित कविता
जब आदमी बिल्कुल टूट जाता है,
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जिन्दगी जिन्दगी जिन्दगी,
अब न होगी तेरी बंदगी ।
तेरी उलटी है चाल, हर दिन लाती भूचाल,
थक गया करके मैं बंदगी ।
जिन्दगी...