10 views
Khushi 2
आज नहीं तो कल
कल नहीं तो कभी और
तुम्हारे लिए सबर मे, ख़ुशी
बीत चुकी है मेरी दिन हज़ार
तुम्हे पाने के लिए, ख़ुशी
किया है मैंने नदियाँ पार
तुम्हे पाने के लिए, ख़ुशी
चाँद तक होके वापस आयी हूँ कितने बार
और कितनी दुरी होगी
कब तक करें इंतज़ार
कितनी लम्बी है ये सफर!
बिलकुल थक चुकी हु!
ख़ुशी, मेरी यार
आज भी नहीं, कल भी नहीं
तो कब ख़ुशी कब
बैठ गयी हु फिलहाल
मान लिया है मैंने हार
© Aaksandra
कल नहीं तो कभी और
तुम्हारे लिए सबर मे, ख़ुशी
बीत चुकी है मेरी दिन हज़ार
तुम्हे पाने के लिए, ख़ुशी
किया है मैंने नदियाँ पार
तुम्हे पाने के लिए, ख़ुशी
चाँद तक होके वापस आयी हूँ कितने बार
और कितनी दुरी होगी
कब तक करें इंतज़ार
कितनी लम्बी है ये सफर!
बिलकुल थक चुकी हु!
ख़ुशी, मेरी यार
आज भी नहीं, कल भी नहीं
तो कब ख़ुशी कब
बैठ गयी हु फिलहाल
मान लिया है मैंने हार
© Aaksandra
Related Stories
12 Likes
3
Comments
12 Likes
3
Comments