टिमटिमाते सपने
जीवन में मेरे सपनें ही तो अपने हैं,
सच्चाई से हो अलग ये बड़े अनूठे हैं।
ये हैं तो जीने की इक आस मिलती मुझे,
इनके बिना मेरी सुबह-ओ-शाम अधूरे हैं।
मस्त तितलियों से फूलों पर मंडराते सपने,
चिडियों से पंख फैलाए आसमां में उड़ते सपनें।
भँवरों से गुनगुनाते,गुदगुदाते सपने,...
सच्चाई से हो अलग ये बड़े अनूठे हैं।
ये हैं तो जीने की इक आस मिलती मुझे,
इनके बिना मेरी सुबह-ओ-शाम अधूरे हैं।
मस्त तितलियों से फूलों पर मंडराते सपने,
चिडियों से पंख फैलाए आसमां में उड़ते सपनें।
भँवरों से गुनगुनाते,गुदगुदाते सपने,...