...

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थकान
थक गया हूँ मैं आके मुझे आराम दे
दिल की ज़रा सी बात कर, मुझे कोई मकाम दे
हर तरफ कोहराम है महफ़िल सजे कैसे यहां?
सूख गये हैं लब, तू आके ज़हर या जाम दे
थक गया हूँ मैं आके मुझे आराम दे
टकरा रहे हैं सितारे देख आसमाँ में हलचल है
पकड़ ले मेरा हाथ मेरी धड़कनों को थाम दे
थक गया हूँ मैं आके मुझे आराम दे
हिम्मतों की दात है हवाओं ठहर जाओ
वो आ रहे हैं इधर दिशाओं ठहर जाओ
वो जो अपने पे आएगा रोक ही लेगा
जिसमें हो वो बात नया अंजाम दे
थक गया हूँ मैं आके मुझे आराम दे
बस हवा की चोट से मै मर गया उस दिन वहीँ
जुगनुओं की रोशनी में घुल गया उस दिन वहीँ
अब बाहर निकलूँ तो कैसे निकलूँ अपनी कब्र से?
तू अपने नाम में से मुझको भी कोई नाम दे
थक गया हूँ मैं आके मुझे आराम दे
रुक गया था बस इक कतरा आँसू तो जान पे बन आयी
एक पल की कसक थी हाय! जान पे बन आयी
जो तुझे भी गुरुर है तेरी अदावत पर
आ मेरे आगे मुझपर कोई इल्ज़ाम दे
थक गया हूँ मैं आके मुझे आराम दे
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