कफन ब्रांडेड नहीं होते
कफन ब्रांडेड नहीं होते, ये तो बस धागे हैं,
ख़्वाबों की परछाइयाँ, दर्द के काले साये हैं।
ले लो कितनी भी दौलत, जोड़ लो कितनी शोहरत,
फिर भी कफन की सच्चाई, वक्त की चादर में छुपी है।
धूप में सुलगते अरमान, रात की घनघोर चादर,
ये जो राह में बिखरे हैं, सब कुछ हैं तन्हा सफर।
ख़ुद को सजाना है आसान, पर यूं ही नहीं बसर,
जब...
ख़्वाबों की परछाइयाँ, दर्द के काले साये हैं।
ले लो कितनी भी दौलत, जोड़ लो कितनी शोहरत,
फिर भी कफन की सच्चाई, वक्त की चादर में छुपी है।
धूप में सुलगते अरमान, रात की घनघोर चादर,
ये जो राह में बिखरे हैं, सब कुछ हैं तन्हा सफर।
ख़ुद को सजाना है आसान, पर यूं ही नहीं बसर,
जब...