...

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समिधा💜
समिधा💜

वो हाँ नहीं करती मै ना नहीं सुनता
चल पड़ती है मेरे साथ
बिना कुछ कहे
बिना कुछ पूछे
बस किसी बहुत गहरे परचित् की तरह
मगर मै उससे जब विश्वास का सवाल करता हूँ तब
वो हाँ नहीं करती मै ना नहीं सुनता

मै रोकता हूँ उसे अक्सर बातों के बीच मे
वो बहुत गहरी और तीखी बात करती है
कभी तो लगता है गहरी नींद से उसनींदी मे उठी है
कभी लगता रात भर सोई ही नहीं
मै उसे बहुत सुलझन के बाद की उलझन मे पाता हुँ
और मेरे पूँछते ही खींच सी उठती है
वो हाँ नहीं करती मै ना नहीं सुनता

मै नहीं पूँछता उससे उसके पुराने पीले पन्नों के बारे मे
मै नहीं पहुँचना चाहता किसी निश्चित यतार्थ पर
मै उसे बस उतना ही पड़ता हुँ जितना वो चाहती है
न उससे कम न उससे ज़्यादा
वो कहती भी है मन की और नहीं भी
वो सुनती है मुझे और नहीं भी
वो कहती तब है जब वो कहना चाहती है
सुनती भी तब है जब सुनना चाहती है
मेरे कुछ सीधे सवाल अक्सर
निरुतर रहकर रह जाते है
इनके जवाबों के लिए अक्सर
वो हाँ नहीं करती और मै ना नहीं सुनता 💜

समिधा तुम कभी हाँ मत करना और मै कभी ना नहीं सुनूँगा
तुम जैसी हो अच्छी हो🐾⭐😁🤗
© @युवागुश्ताख़