आसमा को छूने की ख्वाहिश रखता हूं हां में दिल ख्वाब रखता हूं
परिंदों को उड़ते देखा तो मन चहकने लगा ,
इन फिज़ाओं में फिर ये बहकने लगा
वर्षों के सपने आज लग रहे अपने
खुशनुमा सफर ये पनपने लगा
हा , अब में सिमटने लगा
आनकहे शब्दों को दिल में रख चलने लगा
...
इन फिज़ाओं में फिर ये बहकने लगा
वर्षों के सपने आज लग रहे अपने
खुशनुमा सफर ये पनपने लगा
हा , अब में सिमटने लगा
आनकहे शब्दों को दिल में रख चलने लगा
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