...

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दिल की बात दिल में
बातें दिल की दिल में रह गई
मुलाकातें भी अधूरी रह गई
कोशिश पुरजोर होकर भी असफल हो गई
हमारे इश्क़ की कहानी
खत्म होकर भी अधूरी रह गई
आँखों की जुबां कह कह
कर सह रही थी, कुछ अनकही
बातें अश्कों में बह गई
दर्द जो मिला इश्क़ में
शीशे की तरह चूर हो कर रह गया
दीदार को तरसता ये दिल
इंतज़ार करके धड़कन कम हो गयी
पलकों में सजे ख़्वाब देखे थे मिलन के
मुकम्मल न होकर टूट गए
प्रेम के शोले भड़कते जा रहे
यादों के फूल जल कर खाक हो गए
दिलों में आग लग कर रह गई
बातें दिल की दिल में रह गई।

© hemasinha