एक सुंदर विवरण कोरोना पर...
नारायण... नारायण...करते नारादजी विष्णु भगवान के पास गए!
जब वह भगवान विष्णु के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वह हंस रहे थे!
तब नारदजी ने कहा कि प्रभु आज पृथ्वी पर आपदा आ पड़ी है, और आप हंस रहे हैं?
तीनों लोक में गम के बादल छाए हैं, और सब परेशान है,
और यहां पर मैं देख रहा हूं कि आप हंसे जा रहे हैं?
आपको पृथ्वी की कोई चिंता है कि नहीं?
कैसी यह आप की लीला है प्रभु...
कालमुखी कोरोनाने इन्सान का जीना हराम कर दिया है!
पृथ्वी विनाश की ओर जा रही है,
कुछ करिए प्रभु... कुछ करिए...
तब भगवान विष्णुजी ने कहा कि...
इसमें मैं क्या कर सकता हूं?
यह तो विधि का विधान हैं!
इंसान अपने आप को भगवान समझने लगा था. सही गलत की पहचान करना भूल गया था.
प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना,अपने से कमजोर इंसान की द्वणा करना;
जिस सृष्टि को हमने बनाई हैं, उस सृष्टिके नियम को तोड़ना...
हमारे ब्रह्मांड में पहुंचकर उसका नाश करना...
हमारी दी गई हुए...
जब वह भगवान विष्णु के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वह हंस रहे थे!
तब नारदजी ने कहा कि प्रभु आज पृथ्वी पर आपदा आ पड़ी है, और आप हंस रहे हैं?
तीनों लोक में गम के बादल छाए हैं, और सब परेशान है,
और यहां पर मैं देख रहा हूं कि आप हंसे जा रहे हैं?
आपको पृथ्वी की कोई चिंता है कि नहीं?
कैसी यह आप की लीला है प्रभु...
कालमुखी कोरोनाने इन्सान का जीना हराम कर दिया है!
पृथ्वी विनाश की ओर जा रही है,
कुछ करिए प्रभु... कुछ करिए...
तब भगवान विष्णुजी ने कहा कि...
इसमें मैं क्या कर सकता हूं?
यह तो विधि का विधान हैं!
इंसान अपने आप को भगवान समझने लगा था. सही गलत की पहचान करना भूल गया था.
प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना,अपने से कमजोर इंसान की द्वणा करना;
जिस सृष्टि को हमने बनाई हैं, उस सृष्टिके नियम को तोड़ना...
हमारे ब्रह्मांड में पहुंचकर उसका नाश करना...
हमारी दी गई हुए...