...

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एक आंधी चली ऐसी
एक आंधी चली ऐसी
कि सुर्ख पत्तों को उड़ा दिया
नस नस में बसी थी जो
उसको एक पल में भुला दिया
एक आंधी चली,,,,,

जहन को लहुलुहान कर
मय किसी का पिला दिया
आदि थे जिसके वह
उसे लिख कर मिटा दिया
एक आंधी चली,,,,,

दिल के दहलीज से
उसे यु निकाल दिया
कई वर्षों की चैटिंग को
एक मिनट में मिटा दिया
एक आंधी चली,,,,,

दिल की बात कुमोध ने
दिल ही दिल दबा दिया
खुश थे जिसमें सभी कोई
उसी सुशील सुचिता को गले लगा लिया
एक आंधी चली,,,,,

अपने उपर की आप बीती को
देर अंधेर मिटा दिया
श्यामली सुरतिया को
दिल की धड़कन बाता दिया
एक आंधी चली,,,,,

संदीप कुमार अररिया बिहार
© Sandeep Kumar