खुशबू मिट्टी की
चाहत यही खुशबू मिट्टी,
की मेरे अंदर उतर जाए,
बरसात का पानी जिस
तरह तुझमे सिमट जाए।
मैं भी भीग लू इसी तरह
ख्वाइशों की बूंदों से,
लफ़्ज़ों में नही,मेरी आँखो
में मेरा ख्वाब नज़र...
की मेरे अंदर उतर जाए,
बरसात का पानी जिस
तरह तुझमे सिमट जाए।
मैं भी भीग लू इसी तरह
ख्वाइशों की बूंदों से,
लफ़्ज़ों में नही,मेरी आँखो
में मेरा ख्वाब नज़र...